Do Jahan Ke Wali Ka Lyrics in Hindi

Do Jahan Ke Wali Ka Lyrics in Hindi

 

 

दो जहाँ के वाली का दो जहाँ पे सेवा हैं
उन्हें तो खुदा ने उनकी मर्ज़ी से बनाया हैं

नूरी नूरी जलवे हैं कैसे प्यारे जलवे हैं
चाँद उन के जलवों की भीख लेने आया हैं

वदुहा का चेहरा हैं ताहा का सहरा हैं
उन के मुस्कुराने से जमाना जगमगाया हैं

तूर पे कहा रब ने लंटरनी मूसा को
लेकिन मेरे आका को अर्श पे बुलाया हैं

नबियों ने सलामी दी वलियों ने गुलामी की
सर पे उनके खालिक ने ताज वो सजाया हैं

लेते हैं दुआएँ वो करते हैं जफ़ाएँ वो
सीने से लगाएँ उस को जिस ने भी सीटें बनाई हैं

बरकतों के रेले हैं नूरों के मेले हैं
हलीमा तेरी कुट्ट्या में कौन मुस्कुराया हैं

 

 

 

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